उदयपुर. नगर विकास प्रन्यास (यूआइटी) इन दिनों अवैध निर्माण को लेकर काफ़ी एक्टिव है, हाल ही में उदयपुर में चल रहे कंट्रोल कंस्ट्रक्शन जोन में अवैध निर्माणों के चलते यूआईटी नें इनकी समझाइश कर निर्माण रुकवाए एवं जो नहीं माने उनके नाम से नोटिस जारी कर दिए।
देखा गया है की शहर में पिछोला झील के किनारे नो-कंस्ट्रक्शन जोन और खातेदारी जमीनों पर लोगों ने बड़ी संख्या में पक्के निर्माण कर दिए है जो निरंतर जारी हैं। उदयपुर नगर विकास प्रन्यास ने इन इलाकों में निर्माण कर रहे तीस से ज्यादा लोगों को नोटिस थमा दिए। अवैध निर्माण को लेकर यूआईटी के पास काफ़ी शिकायतें आ रही थी जिनपर कार्यवाही करते हुए यूआईटी ने काम रुकवाया और जो नहीं माने उन्हें नोटिस थमाते हुए निर्माण अवैध होने पर ध्वस्त करने की चेतावनी दी है, यूआईटी की इस कार्यवाही से अवैध निर्मंकर्ताओं के बीच हडकंप मच गया।
गौरतलब है की फतहसागर व पिछोला झील के चारों तरफ कंट्रोल कंस्ट्रक्शन जोन है। यूआईटी ने राजस्व ग्राम सीसारमा में भी कृषि खातेदारी भूमि पर बिना रूपान्तरण एवं बिना स्वीकृति किये जा रहे अवैध निर्माणों पर कारवाही की तथा तहसील न्यायालय द्वारा नोटिस में अवैध निर्माणकर्ताओं से कहा कि उनका यह कार्य नगर सुधार अधिनियम 1959 की धारा 91-ए के तहत अवैध निर्माण व अतिक्रमण की परिभाषा में आता है।
तहसील न्यायालय ने जारी नोटिस में कहा की यदि कोई इस संबंध में कोई आपत्ति या दस्तावेज पेश करना चाहते है तो तय अवधि में जवाब दें, नोटिस के अनुसार यदि कोई न्यायलय में उपस्थित नहीं होता है तो जो भी आदेश पारित किया जाएगा यूआइटी उसके अनुसार कार्रवाई करेगी और अवैध निर्माण को न्यास की ओर से हटाने की स्थिति में उसके खर्चे की ज़िम्मेदारी भी निर्माणकर्ता की होगी।
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