कैसा होगा उदयपुर विकास प्राधिकरण का स्ट्रक्चर (Udaipur Development Authority)
1. अध्यक्ष
2. आयुक्त
3. सचिव
4. निदेशक इंजीनियरिंग
5. निदेशक वित्त
6. निदेशक विधि
7. निदेशक आयोजना
8. जोन वाइज उपायुक्त
9. नीचे सेक्शन वाइज अधिकारी व इंजीनियर
वर्तमान में कौन है अधिकारी?
उदयपुर विकास प्राधिकरण (यूडीए) का पहला अध्यक्ष संभागीय आयुक्त श्रीमान राजेंद्र भट्ट को नियुक्त किया गया है, सचिव के पद पर आरएएस अधिकारी और चेयरमेन के और पर शहर कलेक्टर पदभार संभाल रहे हैं। यूडीए का सम्पूर्ण नियमन होने के पश्चात् शहर को चार जोन के अनुसार बाँट दिया जाएगा और प्रत्येक जोन के प्रथक आयुक्त, सचिव, निदेशक व अन्य पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी।
यूडीए होने के बाद कैसे बदलेगी उदयपुर शहर और 280 गांवों की तकदीर?
यूआईटी से यूडीए होने पर सिर्फ नाम में ही बदलाव नहीं हुआ है, इससे शहर और इसकी पेराफेरी में आने वाले 280 गाँव की विकास की नयी राह भी खुलेगी। यूआईटी में अभी करीब 130 गांव आ रहे थे, लेकिन अब यूडीए के गठन से इसके दायरे में 130 गांव अतिरिक्त आएँगे जिससे गांव की संख्या बढ़कर करीब 280 हो जाएगी।
यूआइटी के पेराफेरी में इतने गाँव थे, जो अब बढ़ कर 280 हो जाएँगे
राजस्व गांव उपखंड कार्यालय
राजस्व गांव गिर्वा: 61
बडग़ांव:39
वल्लभनगर: 07
मावली: 23
कुल: 130 (मास्टर प्लान 2031 के अनुसार) (उदयपुर विकास प्राधिकरण से पूर्व)
विशेषज्ञों का मानना है कि उदयपुर विकास प्राधिकरण (Udaipur Development Authority - UDA ) के गठन से उदयपुर का नजरिया ही बदल जाएगा। ज़्यादा बजट वाले बड़े प्रोज़ेक्ट यूडीए के स्वयं करने से शहर के विकास में बहुत तेज़ी आएगी और भविष्य में ढेरों संभावनाएं उत्पन्न होंगी।
Udaipur Development Authority - UDA से क्या है ख़ास फ़ायदा
वर्तमान में मौजूद युआईटी का सालाना बजट 250-300 करोड़ रहता है, वहीं प्राधिकरण बनते ही ये बजट 800-1000 करोड़ पहुँचेगा, जो वर्तमान बजट से 300 प्रतिशत ज़्यादा होगा, इससे उदयपुर के विकास में एक नये युग की शुरुआत होगी।
उदयपुर के लिए नई हिल पालिसी बनेगी
उदयपुर शहर की खूबसूरती यहाँ की अरावली की पहाड़ियों में बसी है, जलाशयों में पानी की आवक से लेकर पर्यटन तक सबकुछ इसपर काफी निर्भर है, इसके लिए उदयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा प्रथम सामान्य बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, उदयपुर शहर की आसपास की पहाडियों को अवैध खनन से बचाने के लिए यूआईटी के समय बनी हिल पालिसी को प्रासंगिक नहीं मानते हुए यूडीए के नियम व प्रावधान के अनुसार नई हिल पालिसी तैयार कर राज्य सरकार को भेजी जाएगी।
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता और प्रणाली का होगा विकास
शहर के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता को 100 एमएलडी तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है जिसे भविष्य में आवश्यकता अनुसार बढ़ाया जाएगा, साथ ही पूरे सीवरेज नेटवर्क को प्लान कर नये ट्रीटमेंट प्लांट्स भी स्थापित किये जाएँगे।
एक करोड़ से ऊपर की फाइलें जाती थी जयपुर, अब यहीं मिलेगी स्वीकृति
यूआइटी ट्रस्ट को एक करोड़ रुपए से ऊपर की फाइल स्थानीय स्तर पर स्वीकृत करने की शक्ति नहीं थी, एक करोड़ से ऊपर की फाइल सीधे जयपुर सरकार के पास जाती जिससे उसकी उसकी स्वीकृति में समय लग जाता था, लेकिन अब एक करोड़ रुपए से ऊपर के बजट की फ़ाइल की स्वीकृति भी यूडीए दे पाएगा।
रियल एस्टेट सेक्टर में आएगा बूम - निवेशकों को मिलेगा फ़ायदा
एक्सपर्ट्स का मानना है की उदयपुर विकास प्राधिकरण के बनने से सबसे ज़्यादा फ़ायदा रियल एस्टेट सेक्टर को होगा, चूँकि शहर के विकास का दायरा बढेगा, विकास का बजट भी तीन गुना हो जाएगा, ऐसे में कई नए इलाके आवासीय प्लानिंग और व्यापारिक क्षेत्र के तौर पर उभरेंगे, बड़े और अफोर्डेबल प्रोजेक्ट्स में इज़ाफा होगा, इससे प्रॉपर्टी निवेशकों को अच्छा फ़ायदा मिलने वाला है। आम जनता को भी बेहतर आवासीय प्लॉट्स कम दरों पर उपलब्ध होंगे, नए रोड नेटवर्क के विकास से आवासीय कॉलोनियों में भूखंडों की वैल्यू बढ़ेगी।
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