शहरों के संग शिविर में यू.आई.टी. पट्टे की प्रक्रिया, शुल्क एवं नियम संबंधी सम्पूर्ण जानकारी, दस हजार पट्टे देने का रखा लक्ष्य

उदयपुर. 2 अक्टूबर से शुरू होने वाले प्रशासन शहरों के संग शिविर को लेकर नगर विकास प्रन्यास (यूआईटी) उदयपुर व नगर निगम ने सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में दस लाख पट्टे का लक्ष्य रखा है और इसी कड़ी में यूआईटी ने शहर में दस हजार भूमि पट्टे के आवंटन का लक्ष्य रखा। इसी कड़ी में यू.आई.टी. एग्रीकल्चर ज़मीनों पर बने मकानों के भी पट्टे देगी।

शहरों के संग शिविर में यू.आई.टी. द्वारा निम्नलिखित को दिया जाएगा पट्टा

  • कृषि भूमि पर बने मकानों को
  • पुरानी बसावट वाले इलाकों में
  • यूआईटी के स्वयं के बनाए फ्लैट के
  • महाराणा के समय के दस्तावेजों पर
  • यूआईटी ने पहले दिन देगी 1 हजार पट्टे


पट्टे की दरें क्या रहेंगी

यू.आई.टी द्वारा दिए जाने वाले पट्टे की दरें 100 रूपये से 115 रूपये प्रति स्क्वायर फीट तय की गयी है, तथा 17 जून 1990 से पुराने भूखंडों पर 30 रूपये स्क्वायर फ़ीट की दर तय की गयी है।

राज्य सरकार की ओर से तय शुल्क से ज्यदा वसूलने पर होगी कठोर कार्यवाही

यू.आई.टी.-निगम के खाते में जमा होने वाली राशी अलग से, ज्यादा लेने पर होगी कठोर कार्यवाही। पट्टे के आवंटन एवं शुल्क के साथ ही सरकार ने नगर मित्रों के शुल्क को भी फिक्स कर दिया है, नगर मित्रों का शुल्क 750 रूपये से चालू होकर अधिकतम 1.50 लाख रूपये होगा इसमें नक्शा बनवाने से लेकर फ़ाइल चार्ज और फ़ाइल को कम्पलीट कर विभाग तक पंहुचाने तक की ज़िम्मेदारी होगी।

राज्य सरकार की ओर से तय शुल्क से ज्यदा वसूलने की शिकायत पर होगी कठोर कार्यवाही की जाएगी। सरकार ने जो सेवा शुल्क तय किया है वो केवल नगर मित्रों का काम करने का शुल्क है, इसके अतिरिक्त जो भी निकाय शुल्क होगा वोह अलग से देय होगा।

यू आई टी व नगर निगम ने इस अभियान के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है और यू आई टी परिसर में कैंप और टेंट लगाये जा रहे हैं, शिविर में आने वाले आवेदनों को तय प्रक्रिया के अनुसार पट्टों का आवंटन किया जाएगा, इसी कड़ी में यू आई टी उदयपुर ने पहले ही दिन 1000 पट्टे लोगों को देने का लक्ष्य रखा है।

क्यों ज़रूरी है पट्टा?

जो मकान व भवन कृषि भूमि पर बना दिए गए है उनके पास उस संपत्ति की खातेदारी या कब्ज़ा तो होता है परन्तु आवास के लिए आवश्यक दस्तावेज़ जो यू आई दी द्वारा दिया जाता है जिसें आम भाषा में "पट्टा" कहा जाता है वोह नहीं होता, और पट्टे के आभाव में कोई भी सरकारी बैंक या प्राइवेट बैंक उस प्रॉपर्टी पर लोन नहीं देता है तथा भूमि बेचने एवं स्वामित्व हस्तांतरण सम्बन्धी समस्याएँ होती है।

इन सभी समस्याओं और भूमि दलालों द्वारा किये जाने वाले फर्जीवाड़े से लोगों को बचाने के लिए यू आई टी पट्टों का आवंटन करती है, मकान मालिकों द्वारा यू आई टी से पट्टा उठा लिए जाने पर वे आसानी से बैंक लोन का लाभ भी उठा पाएँगे साथ ही यदि किसी ने गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) से लोन ले रखा है तो उन्हें ब्याज दरों में भी फायदा मिलेगा।

यूआईटी ने कर ली हैं बिना पट्टों वाली कॉलोनियां चिन्हित

यूआईटी ने शहर में पट्टों के आवंटन से पहले ऐसी सारी कॉलोनियां चिन्ह्ति कर ली हैं जिनमें लोगों के पास पट्टे नहीं है, तथा पट्टा देने सम्बन्धी सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है. पट्टा देने के लिए उन चिन्हित कॉलोनियों का लेआउट प्लान पास करवाने के साथ उन्हें 90-ए में कन्वर्ट किया जाएगा। कॉलोनियों का 90-ए में कन्वर्ट होते ही शिविरों में कॉलोनी वाइज तारीख तय कर दी जाएगी और उसी दिन उनको पट्टे देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

यूआईटी उदयपुर सचिव श्री अरुण हासिजा का कहना है की शिविर को लेकर हमारी तैयारियां पूरी हो चुकी है। यू.आई.टी. ने बिना पट्टे वाली कई कॉलोनियों का सर्वे करवा दिया है जिससे वहां के लोगों को जल्दी से पट्टे दिए जा सके, साथ ही बड़े स्तर पर टीम शिविर को लेकर ही काम कर रही है। आमजन को असुविधा न हो इसके लिए यू.आई.टी. परिसर में जगह जगह हेल्प डेस्क लगाए जा रहे हैं।

अभियान की निगरानी में लगाए रिटायर्ड अधिकारी

प्रशासन शहरों के संग अभियान के लिए राज्य सरकार ने सेवानिवृत्त अधिकारियों की नियुक्ति की है। इन सेवानिवृत्त अधिकारियों में रिटायर्ड आरएएस और चीफ टाउन प्लानर्स को बातैर ऑर्ब्जवर और सलाहकार के तौर पर लगाया है।

यह सभी अधिकारी अपने-अपने कार्यक्षेत्र की निकायों में लगने वाले शिविर की मॉनिटरिंग करेंगे। उदयपुर संभाग में सीनियर टाउन से रिटायर्ड हुए एस.के. श्रीमाली एवं आर.पी. शर्मा को लगाया गया है।

पट्टा विलेख के नये प्रारूप जारी

सरकार द्वारा स्थानीय निकायों द्वारा जरी किये जाने वाले विभिन्न पट्टों के नये प्रारूप भी जारी कर दिए हैं, जिनमे आवासीय पट्टों के लिए पिला, व्यवसायिक के लिए लाल, मिश्रित उपयोग के लिए लाल, संस्थागत पट्टों के लिए नीला, इंडस्ट्रियल के लिए बेंगनी और 69-ए के पट्टे के लिए हेरिटेज गेरू रंग का उपयोग किया जाएगा।

पट्टों की शर्तें

  1. पट्टा धारक द्वारा भूखंड/निर्मित क्षेत्र का उपयोग वही किया जाएगा जिस उपयोग के लिए पट्टा विलेख जारी किया गया है।
  2. पट्टा धारक उक्त भूखंड को विक्रय या अन्य प्रकार से हस्तांतरित कर सकेगा तथा भूखंड को उप-पट्टे (सब-लीज) पर भी दे सकेगा।
  3. उक्त भूखंड के विक्रय/हस्तांतरण पर क्रेता पक्ष के नाम परिवर्तन के लिए निकाय में निर्धारित शुल्क के साथ आवेदन कर हस्तांतरण किया जा सकेगा।
  4. पट्टे को किसी भी बैंक/सरकार/जीवन बिमा/ऋणदाता संस्थाओं के पास बंधक (मॉर्गेज)) रखा जा सकेगा, जिसके लिए स्थानीय निकाय के अनापत्ति प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी।
  5. भूखंड पर भवन निर्माण प्रचलित भवन निर्माण के मानदंडों के तहत करना होगा।

क्या है यूआईटी?

शहर विकास प्राधिकरण यू.आई.टी. उदयपुर उदयपुर शहर के व्यवस्थित शहरी विकास के लिए प्रतिबद्ध एक सहकारी संगठन है। यह नागरिकों को पारदर्शी और बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए समर्पित है।

Share:

2 comments:

  1. You have written such a great article, best of luck for your future. NowadaysConcrete Home Decor Products are Very popular.
    If you with to buy Ovel Trey, you may check

    This will then

    ReplyDelete

OUR PORTFOLIO

Udaipur Property - Browse residential properties for sale in Udaipur - New Projects, Plots, Flats, Ready To Move in Apartments. 100% Verified Listings.

Popular posts